‘पर्दा’ अरबी भाषा से आया हुआ शब्द है। जिसका अर्थ होता है, ‘ढकना’। ‘बुर्का’ भी एक तरह से घूँघट ही है, जिसे मुस्लिम समुदाय की महिलाएँ और लडकियाँ पुरुषों के गलत निगाह से बचने के लिए पहनती हैं। भारत में घूँघट प्रथा भी इस्लामों की देन है। इस्लामी आक्रमणकारियों और लुच्चे-लफंगों से अपनी बचाव के… Continue reading ‘पल्लू’ की गरिमा (लघु कथा)
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कहानी
दिलचस्प कहानी (लघु कथा)
सन् 1994 की बात है, उस समय हमारे देश के राष्ट्रपति श्री शंकर दयाल शर्मा जी थे। अधिकारिक यात्रा पर वे मस्कट गए थे। उस समय एयर इण्डिया में तीन दुर्लभ बातें हुई थी। पहली बात यह हुई कि ओमान के राजा ‘कबूस बिन सईद अल सईद’ किसी भी देश के गणमान्य व्यक्ति को हवाई… Continue reading दिलचस्प कहानी (लघु कथा)
अच्छे कर्मो का फल (लघु कथा)
कहा गया है कि माता-पिता के कर्मो का फल बच्चे को मिलता है। यह कहानी ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में रहनेवाले फ्लेमिंग नामक एक गरीब किसान की है। फ्लेमिंग एक दिन अपने खेत में काम कर रहे थे। अचानक उसी समय उन्हें किसी के चीखने की आवाज सुनाई पड़ी। वे काम छोड़कर उस आवाज की ओर… Continue reading अच्छे कर्मो का फल (लघु कथा)
बरगद को वरदान
प्रभु श्री राम के वन जाने से अयोध्या के सभी निवासी दु:खी थे। राजा दशरथ, अपने दोनों बेटे और बहु के वियोग को बर्दाश्त नहीं कर सके। वे स्वर्ग सिधार गए। पिता की मृत्यु की खबर से राम, लक्ष्मण और सीता बहुत दु:खी हुए। उन्होंने जंगल में ही पिंडदान करने का निश्चय किया। पिंडदान के… Continue reading बरगद को वरदान
घाघ और भड्डरी (कहानी) GHAGH AUR BHADDARI (Story)
घाघ और भड्डरी दोनों एक ही व्यक्ति थे या दो। इस विषय पर लोगों में मतभेद है। अनुमान यही लगाया जाता है कि ये दोनों नाम एक ही व्यक्ति के हैं। कहावतों में बहुत जगह ऐसा भी है- ‘कहै घाघ सुनु भड्डरी’ या ‘कहै घाघ सुनु घाघिनी’ आदि। कहीं-कहीं घाघिनी, घाघ की पत्नी को कहा… Continue reading घाघ और भड्डरी (कहानी) GHAGH AUR BHADDARI (Story)
भोलेनाथ का प्रसाद (कहानी)
सावन का महीन था। एक पति-पत्नी करीब दस बारह वर्षों से बाबा धाम सावन के महीने में शंकर भगवान जी को जल चढ़ाने जाया करते थे। किसी ने उन्हें कहा था कि बाबा भोले सबकी मनोकामना पूरी करते हैं। आपकी मनोकामना भी भगवान जरुर पूरी करेंगे। शादी के कई वर्षों बाद भी उन दोनों को… Continue reading भोलेनाथ का प्रसाद (कहानी)
करोना (कहानी)
‘करोना’ यह एक ‘वायरस’ का नाम है, जो चीन के ‘वुहान’ शहर ‘हुबेई’ में दिसंबर के महिने में जन्म लिया था। सबसे पहले इस वायरस की पुष्टि एक व्यक्ति के अन्दर हुई थी। पाँच दिन बाद उस बीमार व्यक्ति के 53 वर्षीय पत्नी को निमोनिया हो गया। निमोनिया इस करोना बीमारी का आम लक्षण था।… Continue reading करोना (कहानी)
माँ की भूमिका
‘माँ’ शब्द की कोई परिभाषा नहीं होती है यह शब्द अपने आप में परिपूर्ण है। असहनीय शारीरिक पीड़ा के पश्चात् बच्चे को जन्म देने वाली माँ को भागवान का दर्जा दिया जाता है, क्योंकि ‘माँ’ जननी है। भागवान ने माँ के द्वारा ही सम्पूर्ण सृष्टि की रचना की है। माता-पिता बनना मनुष्य के जीवन… Continue reading माँ की भूमिका
‘निशात बाग’ का सेव (लघु कथा)
वह हमारी जिंदगी का एक यादगार लम्हा था। कश्मीर के “निशात बाग का सेव”। ये कहानी सन् 1982 ई० की है। उस समय आज की तरह कश्मीर का माहौल खराब नहीं था। सब कुछ बहुत अच्छा था। हम सब बेखौफ हर जगह आ जा सकते थे। सच में हमने “धरती के स्वर्ग” कहा जाने वाले… Continue reading ‘निशात बाग’ का सेव (लघु कथा)
उषा और अनिरुद्ध (अनोखी प्रेम कथा)
‘उषा’ बाणासुर की पुत्री थी और ‘अनिरुद्ध’ श्री कृष्ण भगवान के पौत्र। बाणासुर की पुत्री उषा परम सुंदरी थी। अनिरुद्ध भी कामदेव से सामान सुन्दर थे। उषा ने अनिरुद्ध के सुन्दरता और बल की चर्चा सुनी थी, लेकिन देखा नहीं था। एक दिन उषा गहरी नींद में सो रही थी। सपने में एक सुन्दर राजकुमार… Continue reading उषा और अनिरुद्ध (अनोखी प्रेम कथा)