जिनसे गलती होती है, वही कुछ नया या अच्छा करने की सोंचते हैं।
भगवान के सम्मुख हम सब बराबर हैं।
विश्वास का दूसरा नाम ‘प्रेम’ है।
साहित्य ही जीवन है और जीवन ही साहित्य है।
अपने आपको धोखा देना ही असफलता है।
जब हम ज्ञानी व्यक्ति के साथ होते हैं तो समय जल्दी निकल जाता है और जब मुर्ख के साथ होते हैं तो समय जल्दी नहीं निकलता है।
एक सफल व्यक्ति के पीछे किसी का भी हाथ हो सकता है। जरूरी नहीं कि वह मां या पत्नी ही हो।
साहित्य हमें संस्कृति सीखता है।
सिद्धांत महान् होता है, सफलता नहीं।
हाथ की लकीरों पर नहीं अपनी मेहनत पर भरोसा होना चाहिए।