पूर्व प्रेमचंद युग के प्रमुख उपन्यास और उपन्यासकार

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उपसर्ग और प्रत्यय (Prefix and Suffix)

उपसर्ग (Prefix) उप+सर्ग दो शब्दों के मेल से बना है। ‘उप’ का अर्थ होता है समीप, निकट या पास तथा ‘सर्ग’ का अर्थ होता है, बनाना या सृष्टि करना। उपसर्ग उस अव्यय या शब्दांश को कहते हैं, जो किसी शब्द के आरम्भ में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर विशेषता ला देता है। जैसे- ‘भाव’… Continue reading उपसर्ग और प्रत्यय (Prefix and Suffix)

कारक (Case)

कारक (case) के प्रकार और विभक्ति चिन्ह  कारक की परिभाषा- संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसके संबंध का बोध होता है, उसे कारक कहते हैं। हिन्दी में आठ (8) कारक हैं- कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण और सम्बोधन कारक के विभक्ति चिन्ह  कारक के विभक्ति… Continue reading कारक (Case)

विराम चिन्ह (Punctuation Mark)

विराम (Punctuation Mark) - विराम का अर्थ होता है- रुकना या ठहरना। भिन्न-भिन्न भावों और विचारों को स्पष्ट करने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग वाक्य के बीच में या अंत में किया जाता है, उसे विराम चिन्ह कहते हैं। परिभाषा- जब हम अपने भावों को भाषा के द्वारा व्यक्त करते हैं, तब एक भाव… Continue reading विराम चिन्ह (Punctuation Mark)

वर्णों का उच्चारण स्थान और प्रयत्न Pronunciation effort and its Classification (भाग – 2 : प्रयत्न)

श्वास (प्राण-वायु) की मात्रा के आधार पर वर्ण-भेद:    स्वर- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ (11) अयोगवाह- अं और आ: दो अयोगवाह है। व्यंजन- ‘क’ वर्ग-  क, ख, ग, घ, ङ ‘च’ वर्ग-  च, छ, ज, झ, ञ ‘ट’ वर्ग-  ट, ठ, ड, ढ, ण ‘त’ वर्ग-  त, थ, द,… Continue reading वर्णों का उच्चारण स्थान और प्रयत्न Pronunciation effort and its Classification (भाग – 2 : प्रयत्न)

वर्णों का उच्चारण स्थान और प्रयत्न (भाग–1: उच्चारण स्थान) (Pronunciation effort and its Classification: Part-1)

उच्चारण स्थान- किसी वर्ण का उच्चारण करते समय अन्दर से आने वाला श्वास वायु जिस स्थान पर आकर रूकती है या जहाँ पर बिना रोके उसके निकलने का मार्ग बनाया जाता है। वही उस वर्ण का उच्चरण स्थान कहलाता है। लक्षण- किसी भी वर्ण को बोलते समय वायु तथा जिह्वा मुख के जिस-जिस भाग को… Continue reading वर्णों का उच्चारण स्थान और प्रयत्न (भाग–1: उच्चारण स्थान) (Pronunciation effort and its Classification: Part-1)

शब्द-भेद (Parts Of Speech)

विकार की दृष्टि से शब्दों के भेद विकार की दृष्टि से शब्दों के दो भेद होते हैं - (अ) विकारी शब्द और (आ) अविकारी शब्द (अ) विकारी शब्द के चार प्रकार होते हैं- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया। (आ) अविकारी शब्द के भी चार प्रकार होते हैं- क्रिया विशेषण, सम्बन्ध बोधक, समुच्चय बोधक और विस्मयादि… Continue reading शब्द-भेद (Parts Of Speech)

क्रिया और उसके भेद

क्रिया की परिभाषा- जिस शब्द से किसी कार्य का करने या होने का बोध होता है, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे- खाना, पढ़ना, लिखना, चलना, सोना आदि। क्रिया एक विकारी शब्द है, जिसका  रूप लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार बदलते रहता है। क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं, अर्थात जिन मूल अक्षरों… Continue reading क्रिया और उसके भेद

वचन

वचन- ‘वचन’ का शाब्दिक अर्थ होता है ‘संख्या’। वचन का अर्थ ‘कहना’ भी होता है। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध होता है, उसे वचन कहते है। जैसे- शिक्षिका बच्चों को पढ़ा रही है। माली पौधों को सींच रहा है। तालाब में बच्चे स्नान कर रहे हैं। टोकरी में… Continue reading वचन

लिंग (Gender)

लिंग- संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के नर या मादा जाती का बोध होता हैं उसे लिंग कहते हैं। जैसे- दादा, दादी, माता, पिता, शेर, शेरनी, लड़का, लड़की आदि।  लिंग के तीन प्रकार होते हैं- पुल्लिंग- जिन शब्दों से ‘पुरुष’ या ‘नर’ जाती का बोध होता है उसे पुल्लिंग कहते हैं।… Continue reading लिंग (Gender)