मुंशी प्रेमचंद की कहानी – ‘दुनिया का अनमोल रतन’

 ‘दुनिया का अनमोल रत्न’ यह कहानी 1907 ई. में ‘जामाना’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। यह प्रेमचंद की पहली कहानी मानी जाती है। हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, फ़ारसी, बांग्ला, गुजरती और मराठी के जानकार मुंशी दयानारायण कानपुर से प्रकाशित होने वाली एक उर्दू पत्रिका ‘ज़माना’ के संपादक थे। इन्होंने ही प्रेमचंद की कहानी ‘दुनिया का अनमोल… Continue reading मुंशी प्रेमचंद की कहानी – ‘दुनिया का अनमोल रतन’

मुंशी प्रेमचंद कहानी की ‘ईदगाह’

सबसे पहले हम इस कहानी के कुछ महत्वपूर्ण पंक्तियों को देखते है: ‘ईदगाह’ का अर्थ होता है “वह मैदान या स्थान जहाँ ईद की नमाज अदा की जाती है।” ईदगाह हामिद नाम के एक चार-पाँच साल के बच्चे की कहानी है जो अपनी दादी अमीना के साथ रहता है। ईदगाह कहानी 1933 में मानसरोवर के… Continue reading मुंशी प्रेमचंद कहानी की ‘ईदगाह’

श्री कुप्पल्ली वेंकटप्पा पुट्टप्पा ‘कुवेम्पू’व्यक्त्तित्व और एवं कृतित्व

परिचय: कुपल्ली वेंकटप्पा पुट्टप्पा ‘कुवेम्पू’, कन्नड़ साहित्य के क्षेत्र में ‘कुवेम्पू’ के नाम से विख्यात हैं। वे भारतीय कवि नाटककार, उपन्यासकार और आलोचक तथा जीवनी लेखक थे। मुख्य तौर पर उन्हें 20वीं सदी के सबसे महान कन्नड़ कवियों में से एक माना जाता है। कुवेम्पू का जन्म 20 दिसंबर 1904 ई. को चिकमगलूर के कोप्पा… Continue reading श्री कुप्पल्ली वेंकटप्पा पुट्टप्पा ‘कुवेम्पू’व्यक्त्तित्व और एवं कृतित्व

आत्मकथा की संस्कृति और दलित आत्मकथाएँ

मुझे यहाँ अदम गोंडवी की कुछ पंक्तियाँ याद आ रही है- मैंने अदम गोंडवी के इन पंक्तियों में कुछ शब्द निकालकर अपनी तरफ से जोड़ी है- “आइए महसूस कीजिए जिंदगी के ताप को, मैं दलितों की बस्तियों तक ले चलूँगा आपको।” साहित्य समाज का दर्पण होने के साथ-साथ समाज का सुधारक और प्रेरक भी है।… Continue reading आत्मकथा की संस्कृति और दलित आत्मकथाएँ

‘गोदान’ उपन्यास पर आधारित प्रश्नोत्तरी

1. गोदान उपन्यास का प्रकाशन वर्ष क्या है? (अ) 1935 ई. (ब) 1936 ई. (स) 1937 ई. (द) 1938 ई.  2. गोदान उपन्यास में कुल कितने प्रकरण हैं” (अ) 36 प्रकरण (ब) 37 प्रकरण (स) 38 प्रकरण (द) 39 प्रकरण 3. ‘गोदान’ उपन्यास का नायक का नाम है? (अ) मेहता  (ब) राय साहब (स) गोबर… Continue reading ‘गोदान’ उपन्यास पर आधारित प्रश्नोत्तरी