जी को उदास न कीजिए, जी भर के जीना सीखिए।
छोड़िये उलहना देना औरों को, बस धन्यवाद करना दीजिए।
गुजरिए जिन रास्तों से होकर, प्यारा सा संदेश दीजिए।
देख कर हर जन-जन को, जरा सा मुस्करा दीजिए।
उम्र का हर दौड़ बेहतरीन है, हर उम्र का स्वाद लीजिये।
लौट जायेंगे हम सब एक दिन, हर दिन का मज़ा लीजिए।
बहुत उम्दा :
“उम्र का हर दौर बेहतरीन है, हर उम्र का स्वाद लीजिये। “
LikeLike
Beautifully penned. Jazakallah Khair
LikeLike