तुमसे है अनुरोध सखा,
आया है एक संदेशा सखा।
देख अनुरोध आई मुस्कान,
मालूम न था हम दोनों मिलेंगे।
मिलकर दोनों जुदा हुए थे,
पर पता नही था कैसे मिलेंगे?
मन में थी आशा फिर भी सखा,
पर था यह बहुत कठिन सखा।
हो! धन्यवाद आनन ग्रंथ (फेसबुक) का,
बिछड़ों को मिला दिया इसने सखा।