हिन्दी है अभिमान देश का
हिंदी है स्वाभिमान देश का
अनुपम और अति दिव्य है
अति सरल है, अति सरस है
हिन्दी है अब शान देश का
हिन्दी है अभिमान देश का ।
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम
हिन्दी ही है जान देश का
चारों दिशाओं चारों ओर को
जोड़ने का अभियान देश का ।।