सामान्यतः दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा किसी विशेष उद्देश्य से आमने-सामने की गई बातचीत को साक्षात्कार या भेंटवार्ता कहा जाता है। साक्षात्कार एक प्रकार की मौखिक प्रश्नावली वार्ता है। जिसमे हम किसी भी व्यक्ति के उनके विचारों को लिखने के बजाय उस व्यक्ति के सामने रहकर बातचीत करके प्राप्त करते हैं।
गुड् एवं हैड के शब्दों में- “किसी उद्देश्य से किया गया गम्भीर वार्तालाप ही साक्षात्कार है।”
डेजिन ने साक्षात्कार को इस प्रकार परिभाषित किया है- “साक्षात्कार आमने-सामने बैठकर किया गया एक संवादोचित आदान-प्रदान है, जहां एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से कुछ सूचनाएं प्राप्त करता है।”
भेंटवार्ता (साक्षात्कार) विधा का आरम्भ पत्र-पत्रिकाओं के माध्याम से हुआ है। हिन्दी में इस विधा का सूत्रपात बनारसीदास चतुर्वेदी जी के द्वारा हुआ।
लेखक – भेंटवार्ता (साक्षात्कार)
बनारसी दास चतुर्वेदी: रत्नाकरजी से बातचीत (यह 1931 के ’विशाल भारत’ सितंबर में प्रकाशित हुआ),
बनारसी दास चतुर्वेदी: प्रेमचंदजी के साथ दो दिन (1932 के ’विशाल भारत’ जनवरी में प्रकाशित हुआ),
बेनीमाधव शर्मा: कविदर्शन (इस विधा की प्रथम स्वतंत्र रचना मानी गई है)
श्रीराम शर्मा: कबूतर (1933)
पद्मम सिंह शर्मा: मैं इनसे मिला (1952 दो भागों में)
देवेन्द्र सत्यार्थी: कला के हस्ताक्षर (1954)
स० ही० वा० ‘अज्ञेय’: अपरोक्ष (1979)
रणवीर रांग्रा: सृजन की मनोभूमि (1968), भारतीय साहित्यकारों से साक्षात्कार (1988)
मनोहर श्याम जोशी: बातों-बातों में (1983)
कमल किशोर गोयनका: जिज्ञासाएँ मेरी समाधान बच्चन के
कर्णसिंह चौहान: साक्षात्कार: डॉ रामविलास शर्मा से बातचीत (1986)
रत्ना लाहिड़ी: मूल्य: संस्कृति साहित्य और समय (1987)
भारत यायावर: ‘रेणु’ से भेंट (1987)
गोविंद मिश्र: लेखक की जमीन (1990)
शरद नागर और आनन्दप्रकाश त्रिपाठी: अमृतमंथन (1991 अमृतलाल नागर के समस्त साक्षात्कारों का संग्रह)
केशवचंद वर्मा: शॉटकट संस्कृति (…)
डॉ रामविलास शर्मा: मेरे साक्षात्कार (1994)
कृपाशंकर चौबे: संवाद चलता रहे (1995 में 12 कवियों, 5 निबंधकारों, 12 कथाकारों और 4 आलोचकों के साक्षात्कार का संग्रह है)
भीष्म साहनी: मेरे साक्षात्कार (1996)
पुष्पा भारती: धर्मवीर भारती के साक्षात्कार (1998)
प्रकाश मनु: मुलाकात (1998)
कमला प्रसाद: वार्तालाप (1998)
निर्मल वर्मा: मेरे साक्षात्कार (1999)
डॉ स्मिता मिश्र: अंतरंग (1999 रामदरश मिश्र के 25 साक्षात्कार)
कुमुद शर्मा: गाँव के मान से रु-ब-रु: विद्दानिवास मिश्र (…)
अजय तिवारी: आज के सवाल और मार्क्सवाद (2000 इसमें डॉ रामविलास शर्मा के लगभग 50 साक्षात्कार संगृहित हैं)
प्रकाश मनु: रामविलास शर्मा: अंतरंग स्मृतियाँ और मुलाकातें (2002)
डॉ विश्वनाथ: मेरे साक्षात्कार (2003)
केदारनाथ सिंह: मेरे साक्षात्कार (2003)
हिमांशु जोशी: मेरे साक्षात्कार (2003)
प्रभाकर क्षोत्रिय: मेरे साक्षात्कार (2003)
राजेन्द्र यादव: जवाब दो विक्रमादित्य (2003)
लीलाधर जगूड़ी: मेरे साक्षात्कार (2003)
मोहन राकेश: मेरे साक्षात्कार (2004)
त्रिलोचन: मेरे साक्षात्कार (2004)
श्री लाल शुक्ल: मेरे साक्षात्कार (2004)
दूधनाथ सिंह: कहा-सुनी (2006)
डॉ परमानन्द श्रीवास्तव: मेरे साक्षात्कार (2006)
पुष्पिता: सांस्कृतिक के आलोक से संवाद (2006)
डॉ प्रेमकुमार: साधना से संवाद (2006)
डॉ समीक्षा ठाकुर: बात-बात में बात (2006)
बलराम: वैष्णवों से वार्ता (…)