रचना – भोलाराम का जीव (कहानी)
रचनाकार – हरिशंकर परसाई
जन्म – 1924 ई. जमानी, होशंगाबाद (म. प्र.)
निधन – (1995 ई.)
* ‘भोलाराम का जीव’ कहानी का प्रकाशन – 1967 ई. में हुआ था।
* ‘भोलाराम का जीव’ कहानी संग्रह का प्रकाशन – 2016 ई. वाणी प्रकाशन, दिल्ली से हुआ।
* यह कहानी ‘भोलाराम का जीव’ ‘परसाई रचनावली’, भाग -1 में भी संकलित है।
* ‘परसाई रचनावली’ के छः खंड हैं। इसका प्रकाशन नई दिल्ली से हुआ है।
* यह कहानी सामाजिक, व्यंग्यात्मक और फैंटसी शैली में रचित है।
* ‘भोलाराम का जीव’ उस जनता का प्रतीक है, जो भ्रष्ट नौकरशाही, लाल-फीताशाही पर कटु व्यंग्य है।
* सरकारी कर्मचारियों की अमानवीयता, संवेदनहीनता पर भी इस कहानी में प्रहार किया गया है।
कहानी के पात्र:
भोलाराम – जबलपुर शहर के धामलपुर मोहल्ले का निवासी था। उम्र 60 वर्ष, रिटायर हुए 5 वर्ष हो गए थे। मृत्यु का 5 वां दिन।
अन्य पात्र: चित्गुप्त, धर्मराज, यमदूत, नारद, भोलाराम का परिवार (पत्नी दो लड़के एक लड़की), दफ्तर का बाबू, बड़े साहब, चपरासी आदि।