रचना – जामुन का पेड़ (कहानी)
रचनाकाल – (1960 ई.)
यह हास्य-व्यंग्य शैली में रचित सामाजिक-समस्या प्रधान प्रतीकात्मक कहानी है।
रचनाकार – कृष्ण चन्दर (प्रगतिशील कहानीकार)
जन्म – 1914 . वजीराबाद, गुजरांवाला (पाकिस्तान)
निधन – 1977 ई. (प्रगतिशील कहानीकार)
वर्ण्य विषय:
इस कहानी में जामुन के पेड़ के नीचे दबे शायर (कवि) के माध्यम से सरकारी कार्यालयों में व्याप्त लेट-लतीफ़, काम को एक दूसरे पर टालने, भ्रष्टाचार, लाल फीता शाही, न्याय में होने वाली देरी आदि प्रवृतियों पर व्यंग्य किया गया है।
कहानी के पात्र:
शायर (कवि) उपनाम – ओस
सद्द: प्रकाशित रचना – ओस के फूल (गद्य संग्रह)
माली, चपरासी, क्लर्क, अंडर सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी, ज्वांट सेक्रेटरी, पिटोनिया राज्य का प्रधान मंत्री (इसने ही दस साल पहले जामुन का पेड़ लगाया था), देश के प्रधान मंत्री प्लास्टिक सर्जन आदि।
मरते समय शायर (कवि ओस) का कथन:
उसने मिर्जा ग़ालिब का निम्न लिखित शेर सुनाया था – “या तो माना कि तगाफुल न करोगे, लेकिन खाक हो जायेंगे हम तुमको खबर होने तक।”