मन्नू भंडारी : एक कहानी यह भी

रचना – ‘एक कहानी यह भी’ (2007 ई.)

रचनाकार – मन्नू भंडारी (1931-2021 ई.)

      यह आत्मकथात्मक कहानी है।

इस आत्मकथात्मक कहानी के निम्न चार भाग है:

मन्नू भंडारी की कहानी  

      जन्म – मध्यप्रदेश के भानपुरा गाँव में हुआ था। मन्नू भंडारी 5 भाई बहन थे। मन्नू भंडारी सबसे छोटी थी। साहित्य से इनका परिचय कॉग्रेसी नेता जीतमल लूणिय के माध्यम से हुआ था। इन्हें जैनेन्द्र की रचनाएँ, भगवती बाबू का चित्रलेखा और अज्ञेय की रचनाएँ पसंद थी। इनका प्रिय लेखक यशपाल थे। मन्नू भंडारी भाषा विज्ञान और काव्यशास्त्र में कमजोर थी। उनकी पहली कहानी ‘मैं हार गयी’ है। वे 1957 ई. के अधिवेशन में शामिल हुई थी। इनका राजेन्द्र यादव से विवाह हुआ था। इनकी पुत्री का नाम ‘टिंकू’/’रचना’ था।

मन्नू भंडारी के पिता से जुड़ी कहानी:

      पहले इंदौर में रहते थे बाद में अजमेर (राजस्थान) के ब्रहमपुरी में रहने लगे थे। वे कांग्रेसी एवं समाजसुधारक थे। विद्यार्थियों को अपने घर पर पढ़ाते थे। शकी स्वभाव के थे।    

पति राजेन्द्र यादव से संबंधित जुड़ी कहानी:

      राजेन्द्र यादव से उनकी पहली मुलाक़ात सावित्री गर्ल्स हाई स्कूल अजमेर के पुस्तकालय में हुई थी। 22 नवंबर को उनका विवाह हुआ। 35 वर्षों के बाद उनका विवाह विच्छेद हो गया था। 

शीला अग्रवाल से संबंधित कहानी:

      शीला अग्रवाल सावित्री गर्ल्स कॉलेज अजमेर में हिंदी की प्राध्यापिका थी।

प्रमुख पात्र:       जीतमल लूणिय, सुशीला (मन्नू भंडारी की बहन), शीला अग्रवाल, डॉ अंबालाल जी, मिस्टर सेठी, कोमल कोठारी, पुष्प्मयी बोस, निर्माजा जैन, अजित जी, निर्मल हेमंत, डॉ शैल कुमारी, अर्चना वर्मा आदि।

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