दलित विमर्श

‘दलित विमर्श’ जाति पर आधारित अस्मिता मूलक विमर्श है। यह एक भारतीय विमर्श है क्योंकि जाति भारतीय समाज की बुनियादी संरचनाओं में से एक है। इस विमर्श ने भारत की अधिकांश भाषाओं में दलित साहित्य को जन्म दिया है। दलित शब्द का अर्थ- दबाया हुआ, रौंदा हुआ, शोषित, दमित आदि।

परिभाषाएँ:

      हिंदी मानक कोश के अनुसार – “दलित शब्द का अर्थ है रौंदा हुआ मर्यादित, कुचला हुआ पदाक्रांत वर्ग, हिंदुओं में शुद्र, जिन्हें अन्य जातियों के सामान अधिकार प्राप्त नहीं है।”

      रामचंद्र वर्मा के शब्दों में – “दलित शब्द का अर्थ है- मसला हुआ या दबाया हुआ, कुचला हुआ। जिसे समाज की मूल धारा से वंचित किया गया है, वह दलित है।”

      ओमप्रकाश वाल्मीकि के शब्दों में – “दलित शब्द का अर्थ है जिसका दलन और दमन हुआ है, दबाया गया है, उत्पीड़ित, शोषित, सताया हुआ, गिराया हुआ, पस्त, हतोत्साहित वंचित आदि है।”

      मोहनदास नैमिषराय के शब्द में – “सर्वहारा वर्ग की सीमाओं में आर्थिक विसमता का शिकार दलित है”

      कंवल भारती के शब्दों में – “दलित वह है, जिसपर अस्पृश्यता का नियम लागू किया जाता है, जिस कठोर व गंदे कामों के लिए विवश किया जाता है, जिसे शिक्षा ग्रहण करने एवं स्वतंत्र व्यवसाय करने से मना किया जाता है।”

दलित विमर्श की प्रमुख अवधारणायें:

      दलित साहित्य की अवधारणा को लेकर लंबी बहसें चल रही थी। यह सवाल दलित साहित्य में प्रमुखता से छाया रहा कि दलित साहित्य कौन लिख सकता है, यानी स्‍वानुभूति ही प्रामाणिक होगी या सहानुभूति को भी स्‍थान मिलेगा। प्रमुख दलित साहित्‍यकारों ने कहा चूंकि सवर्णों ने दलितों की पीड़ा को भोगा नहीं, इसलिए वे दलित साहित्य नहीं लिख सकते। हालांकि यह मत ज्‍यादा दिनों तक टिका नहीं, लेकिन आरंभ में यह बहस का मुद्दा बना रहा।      प्रोफ़ेसरचौथी रामयादव के अनुसार – हिंदी पट्टी में जो नवजागरण आया उसमें साम्राज्यवाद विरोधी राष्ट्रीय जागरण के साथ ही सामंतवाद विरोधी दलित जागरण के स्वर भी प्रस्फुटित हुए थे, जिसकी कोई नोटिस ही नहीं ली गई। एक समय भारत में स्वामी अछूतानन्द हरिहर के दलित आंदोलन की बड़ी धूम थी। स्वामी जी की कविताएँ दलित समाज में आत्मसम्मान और आत्मगौरव का बोध जगा रही थीं। इनकी कृतियों में मायानन्द बलिदान, रामराज्य न्याय, आदिवंश का डंका आदि ऐसी महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं जिनका दलित समुदाय पर बड़ा व्यापक प्रभाव पड़ा था। अछूतानन्द से प्रभावित दलित कवियों की एक पूरी शृंखला मिलती है जिसमें दर्जनों कवि कविताएं लिख रहे थे, उनमें जनकवि बिहारी लाल हरित सबसे प्रखर और लोकप्रिय कवि थे। दलित साहित्य एक साहित्यिक आंदोलन है जिसमें प्रमुखता से दलित समाज में पैदा हुए रचनाकारों ने हिस्‍सा लिया और इसे अलग धारा मनवाने के लिए संघर्ष किया।

दलित साहित्य की पृष्ठभूमि और रूप:

      दलित साहित्य की पृष्ठभूमि में डॉ अंबेडकर की विचारधारा, उनका चिंतन और उनके द्वारा छेड़ा गया दलित आन्दोलन है। ज्योतिबा फुले एवं महात्मा बुद्ध का दर्शन भी इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि के अंतर्गत आता है।

      तुलसीराम ने लिखा है, “20 वीं शताब्दी के तृतीय दशक में भारतीय राजनीति में डॉ भीमराव अंबेडकर का उदय हुआ। अतः वर्तमान दलित राजनीति तथा साहित्य का जो भी रूप  है, उसकी जड़ में डॉ अंबेडकर का ही संघर्ष है।”

      दलित साहित्य विमर्श / साहित्य के रूप– दलित साहित्य के तीन रूप है-

      पहला वह दलित साहित्य सामने आया जो दलित जातियों में जन्मे लेखकों का है। इनका मानना है कि वास्तविक रूप में इनके द्वारा रचित साहित्य ही दलित साहित्य है।

      दूसरा उन हिंदू लेखकों के द्वारा रचित साहित्य जिनमे दलितों की पीड़ा और शोषण का चित्रण है, परन्तु वे दलित जाति के नहीं है।

      तीसरा प्रगतिशील लेखकों के द्वारा रचित साहित्य है।

प्रमुख दलित रचनाकार एवं उनकी रचनाएँ (काव्य संग्रह)

दलित काव्य रचनाएँ:

      1. हीरा डोम- इनके द्वारा रचित अछूत की शिकायत कविता हिंदी की प्रथम दलित कविता है। यह कविता 1914 ई. में सस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।

कविता की महत्वपूर्ण पंक्तियाँ थी-

      “हमनी के राति दिन दुखवा भोगताबानी

      हमनी के एतनि काहे के हलकानी”

      2. बिहारीलाल – (काव्य संग्रह)

            ‘अछूतों का पैगम्बर’ (1946 ई.)

            ‘अछूतों का पैगम्बर’ यह प्रथम दलित कविता संग्रह है।

            भिमाराय – (1973 ई.),

            चमार हूँ मैं (1975 ई.)

      3. गोपालप्रसाद – (काव्य संग्रह)

            सूर्पणखा (1946 ई.)

      4. डॉ धर्मवीर भारती- (काव्य संग्रह)

            किनारे भी मझधार भी (1982 ई.)

            हिरामन (1989 ई.)

      5. ओमप्रकाश प्रकाश वाल्मीकि- (काव्य संग्रह)

            सदियों का संताप (1989 ई.) 

            बस बहुत हो चूका वाल्मीकि (1997 ई.) 

            अब और नहीं (2009 ई.) 

            शब्द झूठ नहीं बोलते

            चयनित कविताएँ

      6. माताप्रसाद- (काव्य संग्रह)

            हरिजन ग्राम गीत (1949 ई.)

            एकलव्य (1981 ई.)

            हिंदी काव्य में दलित धारा (1993 ई.)

            परिचय सतसई (1997 ई.)

            दिग्विजय का रावण (1998 ई.)

            तड़प मुक्ति की (1999 ई.)

      7. कंवल भारती- (काव्य संग्रह)

            नई चेतना नये राग – (1971 ई.)

            डॉ अंबेडकर की कविताएँ (1996 ई.)

            जब तुम्हारी निष्ठा क्या होती (1996 ई.)

            दलित निर्वाचित कविताएँ (2006 ई.)

      8. स्वामी भगत सिंह (काव्य संग्रह)

            अछूतों का बिगुल(1952ई.)

            संगठन के फूल (1960ई.)

            रविदास भजनावली (1971 ई.)

      9. मोतीलाल संत (काव्य संग्रह)

            उत्थान के स्वर (1983 ई.)

            टुकड़े-टुकड़े देश (1998 ई.

      10. दयानंद बटोही (काव्य संग्रह), यातना की आँखें – (1986 ई.)

      11. मोहनदास नेमिषराय (काव्य संग्रह), सफदर एक ब्यान- (1989 ई.)

      12. मनसाराम / एम. आर. विद्रोही (काव्य संग्रह), दलित पचास (1989 ई.)

      13. श्योराज सिंह बेचैन (काव्य संग्रह)

            नयी फसल (1989 ई.) कविता संग्रह

            चमार की चाय – कविता है 

            क्रौंच हूँ मै – कविता है

      14. लक्षमी नारायण सुधाकर (कविता संग्रह)

            उत्पीड़न की भाषा (1992 ई.)

            अंबेडकर शतक (1994 ई.)

            बुद्ध सागर (1996 ई.)

      15. सूरजपाल चौहान (काव्य संग्रह)

            प्रयास – (1994 ई.)

            क्यों विश्वास करूँ ( 2004 ई.)

            मेरा गाँव (2004 ई.)

      16. तेजपाल सिंह तेज (गज़ल संग्रह), दृष्टिकोण (1995 ई.)

      17. मलखान सिंह (काव्य संग्रह)

            सुनो ब्राह्मन (1996ई.)

            ज्वालामुखी के मुहाने (2016 ई.)

      18. सुरेश पंजम (काव्य संग्रह)

            भीख नहीं अधिकार चाहिए (1995 ई.)

            गाँधी होते तुम भंगी चमार (1997 ई.)

            कालजयी अंबेडकर (1998 ई.)

            बैल और आदमी (2000 ई.)

      19. मूलचंद सोनकर (काव्य संग्रह)

            दर्द की लकीरें (1996 ई.)

            कही कुछ दरक रहा है (2004 ई.)

      20. जयप्रकाश कर्दम (काव्य संग्रह)

            गूँगा नहीं था मैं (1997 ई.)

            तिनका- तिनका आग ((2004 ई.)

      21. सुशीला टाकभौरे (काव्य संग्रह)

            स्वाति बूँद और खारे मोती (1993 ई.)

            यह तुम भी जानों (1993 ई.)

            तुमने उसे कब पहचना (1995 ई.)

            हमारे हिस्से का सूरज (2005 ई.)

      22. नवेंदु महर्षि (काव्य संग्रह)

            ख़ामोशी बन रही है (2001 ई.)

            गंगावाले देश का दुखांत (2001 ई.)

            संसद तो सवर्ण है (2003 ई.)

            उपेक्षा के हस्ताक्षर (2006ई.)

            दलित जाग गए है (2011 ई.)

      23. मनोज सोनकर (काव्य संग्रह)

            घंटाघर (1981 ई.)

            डोगर (1983 ई.)

            स्नानागार (1988 ई.)

            चित्तकबरी (1992 ई.)

            गजल गंध (2001 ई.)

            चित्राधार (2003 ई.)

            बेलेड़ बज्म (2007 ई.)

      24. सुरेश तनवर (काव्य संग्रह.)

            रात के इस शहर में (1991 ई.)

            नियति नहीं है मेरी (1992 ई.)

प्रमुख दलित रचनाकार :

1. ओम प्रकाश वाल्मीकि (1950 – 2013)

            जन्म- 30 जून, 1950 ई. बरला मुजफ्फर नगर

            निधन- 7 नवंबर 2013 देहरादून

      रचनाएँ: काव्य संग्रह:

            > सदियों का संताप (1989 ई.) 

            > बस बहुत हो चूका वाल्मीकि (1997 ई.) 

            > अब और नहीं (2009 ई.) 

            > शब्द झूठ नहीं बोलते

            > चयनित कविताएँ

      कहानी संग्रह:

            > सलाम (2000 ई.), घुसपैठिये (2000 ई.)

            > छतरी, अम्मा एण्ड अदर स्टोरी, पच्ची चौका डेढ़ सौ।

      आलोचनात्मक रचनाएँ:

            > दलित साहित्य का सौंदर्यशास्त्र (2001 ई.)

            > मुख्य धारा और दलित साहित्य

            > दलित साहित्य: अनुभव संघर्ष और यथार्थ  

      नाटक- दो चेहरे

      साक्षात्कार- दलित साहित्य की विकास यात्रा

      आत्मकथा- जूठन (1997 ई.)

      अनुदित रचनाएँ- क्यों मैं हिंदू नहीं हूँ, साइरन का शहर

      संपादन- प्रज्ञा साहित्य

      प्रसिद्ध कविताएँ- ठाकुर का कुआँ, कविता और फसल, वंशज, अँधेरे में शब्द।

      प्रसिद्ध कहानियाँ- बैल की खाल, अम्मा, बंधुआ, लोकतंत्र, पिटर मिश्रा शवयात्रा, छतरी,              घुसपैठिये, परमोशन, बयतिस्मा।

      पुरस्कार- 1. डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार 2. साहित्य भूषण (उत्त रप्रदेश के द्वारा)  

2. मोहनदास नेमिषराय:

      जन्म- 5 दिसंबर (1949 ई.) मेरठ, उत्तर प्रदेश

      निधन- (नहीं हुआ है।)

महत्वपूर्ण रचनाएँ:

      उपन्यास:

      > क्या मुझे खरीदोगे (1990 ई.)

      > मुक्तिपर्व (1999 ई.)

      > वीरांगना झलकारी बाई (2003 ई.)

      > आज बाजार बंद है (2004 ई.)

      > जख्म हमारे (2011 ई.)

      काव्य संग्रह – सफदर एक बयान (1989 ई.)

      कहानी संग्रह – आवाजें (1998 ई.), हमारा जवाब (2005 ई.)

      नाटक – अदालत (1989 ई.), हेलो कामरेड (2001 ई.)

      आत्मकथा – अपने-अपने पिंजरे (1995 ई.), रंग कितने संग मेरे

      इतिहास से संबंधित पुस्तक – दलित आन्दोलन के इतिहास (2012 ई. इसके 4 भाग                           है।)

3. तुलसीराम (1949 – 2015)

      जन्म – 1 जुलाई (1949 ई.), आजमगढ़, उत्तर प्रदेश

      निधन- 13 फ़रवरी (2015 ई.)

      महत्वपूर्ण रचनाएँ:

      आत्मकथा- मुर्दहिया (2010 ई.), मुर्दहिया का दूसरा भाग- मणिकर्णिका (2014 ई.)

      इतिहास से संबंधित रचनाएँ-

            > अगोला का मुक्ति संघर्ष

            > सी.आई.ए. राजनीति विध्वंश का अमरीकी हथियार

            > द हिस्ट्री ऑफ कम्युनिस्ट मूवमेंट इन ईरान

            > पर्सिया टू इरान वन स्टेप फारवर्ड टू स्टेप्स बैंक  

4. जयप्रकाश कदर्म

            जन्म –  5 जुलाई, (1958 ई.) गाजियावाद, उत्तर प्रदेश

            काव्य संग्रह- गूँगा नहीं था (1997 ई) तिनका तिनका आग (2004 ई.)

            कहानी – तलाश (2005 ई.)

            उपन्यास – करुणा (1986 ई.)

      दलित विमर्श से संबंधित आलोचनात्मक रचनाएँ-

            > वर्तमान दलित आन्दोलन – (1983 ई.)

            > बौद्ध दार्शनिक – (1998 ई.)

            > धर्मांतरण और दलित (2002 ई.)

            > दलित कविता समकालीन परिदृश्य (2018 ई.)

            > उत्कोच (2019 ई.)     

5. डॉ धर्मवीर भारती (1950 – 2017)

            जन्म –  9 दिसंबर (1950 ई.)

            निधन – 9 मार्च (2017 ई.)

      काव्य संग्रह- किनारे भी मझधार भी (1982 ई.), हिरामन (1989 ई.)

      महत्वपूर्ण रचनाएँ-

            > लोकायती वैष्णव विष्णु प्रभाकर (1987 ई.)

            > हिंदी की आत्मा (1989 ई.)

            > संत रविदास का निर्वर्ण संप्रदाय (1990 ई.)

            > कबीर के आलोचक (1997 ई.)

            > कबीर बाज भी,कपोल भी, पपीहा भी (2000 ई.)

            > कबीर और रामानंद किवदंतियाँ (2000 ई.)

            > कबीर डॉ  हजारीप्रसाद दिवेदी का प्रक्षिप्त चिंतन (2000 ई.)

            > कबीर के कुछ और आलोचक (2001 ई.)

            > कबीर सूत न कपास (2003 ई.)

            > सिमंतनी उपदेश (2004 ई.)

            > डॉ अंबेडकर के प्रशासनिक विचार (2004 ई.)

            > अशोक बनाम वाजपेयी: अशोक वाजपेयी (2004 ई.)

            > प्रेमचंद सामंत का मुंशी (2005 ई.)

            > कामसूत्र की संताने (2005 ई.)

            > थेरीगाथा की स्त्रियाँ और डॉ अंबेडकर (2005 ई.)

            > जूठन का लेखक कौन (2006 ई.)

            > दलित आत्मालोचन की प्रक्रिया (2007 ई.)

            > चमार की बेटी रूपा (2007 ई.)

            > तीन द्विज हिंदू स्त्रीलिंगों की चिंता (2007 ई.)

            > दूसरो की जूतियाँ (2007 ई.)

            > दलित चिंतन का विकास (2007 ई.)

            > मेरी पत्नी और भेड़िया (आत्मकथा- 2007 ई.)

            > प्रेमचंद की नीली आँखें (2010 ई.)

            > कबीर: खसम खुशी क्यों? (2013 ई.)

            > महान आजीविका: कबीर, रैसाद और गोसाल (2017 ई.), यह अंतिम रचना               है।

6. रूपनारायण सोनकर:

            जन्म – 4 अप्रैल (1962 ई.), निधन नहीं हुआ है।

            कहानी संग्रह – जहरीली जड़े (2005 ई.)

            आत्मकथाएँ – नागफनी (2007 ई.), भट्ट कटैया- (2020 ई.)

            उपन्यास – डंक (2009ई.), सूअरदान (2010 ई.), गटर का आदमी (2015 ई.)

            नाटक – महानयक (2002ई.), छ्यावती (2002ई.), दलित डिप्टीकलक्टर                    (2002ई.), बड़ा बुरा हाल है (2002 ई.), रहस्य (2004 ई.)

            टेलीफिल्म – कफ़न (2011 ई.), गाँव का सी. एम. (2011 ई.),       

7. रत्नकुमार सांभरिया

            जन्म – 6 जनवरी (1956 ई.), भाड़वास गाँव, जिला रेवाड़ी (हरियाणा)

            प्रमुख रचनाएँ: कहानी संग्रह

            > हुकुम की दुग्गी (2003 ई.)

            > काल तथा अन्य कहानियाँ (2008 ई.)

            > खेत तथा अन्य कहानियाँ (2010 ई.)

            > दलित समाज की कहानियाँ (2011 ई.)

            > एयरगन का घोड़ा (2015 ई.)

      लघु कथा संग्रह

            > बांग तथा अन्य लघु कथाएँ (1996 ई.)

            > प्रतिनिधि लघुकथा शतक (2010 ई.)

      एकांकी संग्रह – समाज की नाक (1988 ई.)

      नाटक – बीमा (2014 ई.), उजास (2014 ई.)

      आलोचना – मुंशी प्रेमचंद और दलित सामान (2012 ई.)

      संपादन – डॉ अंबेडकर एक प्रेरक जीवन (2012 ई.) 

8. शरण कुमार लिंबाले

            जन्म – 1 जून 1956 ई.

      प्रमुख रचनाएँ: कहानी संग्रह

            देवता आदमी (1994 ई.)

            दलित ब्राह्मन (2004 ई.)

            छुआछूत (2008 ई.)

      उपन्यास – नरवानर (2004 ई.), हिंदू (2004 ई.), बहुजन (2004 ई.),

                  झुंड (2012ई.), गर्व से कहो (2004 ई.)

      काव्य रचना – यल्गार (2020 ई.)

      आत्मकथा – अक्करमाशी (2020 ई.)

      आलोचना – दलित साहित्य का सौंदर्य शास्त्र (2000 ई.), गैर दलित (2017 ई.)

      संपादित रचनाएँ:

            > दलित साहित्य वेदना और विद्रोह (2010 ई.)

            > प्रज्ञा सूर्य डॉ बाबा साहेब अंबेडकर (2013 ई.)

            > दलित पेंथर भूमिका एवं आन्दोलन (2017 ई.),

9. बिपिन बिहारी

      जन्म – 2 जनवरी (1965 ई.)

      प्रमुख रचनाएँ: कहानी संग्रह

            > अपना मकान (1995 ई.)

            > पुनर्वास (1999 ई.)

            > आधे पर अंक (2001 ई.)

            > राजमार्ग पर गोली कांड (2003 ई.)

            > चील (2004 ई.)

            > आगे रास्ता बंद है (2012 ई.)

            > तिलस्म (2013 ई.)

            > बोझमुक्त (2014 ई.)

            > दो ध्रुवीय (2015 ई.)

            > आपकी जात छोटी है (2017 ई.)

            > नदी के उस पार के लोग (2018 ई.)

            > उनसे दूर (2019 ई.)

            > जंगल जाग उठा (अप्रकाशित)

      टिपण्णी- चील कहानी स्त्री विमर्श से संबंधित है और सभी शेष कहानियाँ दलित                   विमर्श से संबंधित है)

10. सुशीला टाकभौरे

      जन्म – 1954 ई. होशंगाबाद (म. प्र.)

      प्रमुख रचनाएँ: काव्य संग्रह

            > स्वाति बूँद और खारे मोती (1993 ई.)

            > यह तुम भी जानो (1993 ई.)

            > तुमने उसे कब पहचाना (1995 ई.)

            > हमारे हिस्से का सूरज (2005 ई.)

      कहानी संग्रह

            > टूटना वहम (1997 ई.)

            > अनुभूति के घेरे (1997 ई.)

            > संघर्ष (2006 ई.)

            > जरा समझो (2015 ई.)

      उपन्यास – नीला आकाश (2013 ई.), तुम्हे बदलना ही होगा (2015 ई.)

      नाटक – नंगा सत्य (2007 ई.)

      एकांकी – रंग और व्यंग्य (2006 ई.)

      लेख संग्रह – परिवर्तन जरुरी है (1997 ई.)

      पत्र संचयन – संवादों के सफ़र

      आलोचनात्मक रचनाएँ-

            > हिंदी साहित्य के इतिहास में नारी (1994 ई.)

            > भारतीय नारी: समाज और साहित्य के ऐतिहासिक संदर्भो में (1996 ई.)

            > दलित साहित्य: एक समालोचना दृष्टि (2015 ई.)

11. सूरजपाल चौहान

      जन्म – 20 अप्रैल (1955 ई.)

      निधन – 15 जून (2021 ई.)

      प्रमुख रचनाएँ: काव्य संग्रह

            > प्रयास, क्यों विश्राम करूँ,

            > कब होगी वह भोर,

            > वह दिन जरुर आएगा

            > बच्चे सच्चे किस्से (बाल कविता संग्रह)

            > बाल मधुर गीत (बाल कविताएँ)

      कहानी संग्रह – हैरी कब आएगा (1999ई.), नया ब्राह्मन (2009ई.), धोखा (2011ई.)

      आत्मकथाएँ – तिरस्कृत (2002 ई.), संतप्त (2004 ई.)

प्रमुख दलित उपन्यास और उपन्यासकार  

क्र. सं  दलित उपन्यासउपन्यासकारवर्ष
1.बंधन मुक्तिरामजी लाल सहाय1954ई. (पहला दलित उपन्यास)
2.मानव की परखदेवीलाल सेन1959 ई.
3.धरती धन न अपनाजगदीश चन्द्र1972 ई.
4.क्रांति के पुजारीसी. बी. भारती1973 ई.
5.अमर ज्योतिडी. पी. वरुण19 82 ई.
6.करुणाजय प्रकाश कर्दम1986ई.
7.श्मशान  का रहस्यजय प्रकाश कर्दम1991 ई.
8.छप्परजय प्रकाश कर्दम1994 ई.
9.धापोदाईदबाबूलाल खांडा1988 ई.
10.क्या मुझे खरीदोगेमोहनदास नेमिषराय1990 ई.
11.मुक्तिपर्वमोहनदास नेमिषराय1999 ई.
12.वीरांगना झलकारी बाईमोहनदास नेमिषराय2003 ई.
13.आज बाजार बंद हैमोहनदास नेमिषराय2004 ई.
14.जख्म हमारेमोहनदास नेमिषराय 2011 ई
15.महानायक बाबा डॉ अंबेडकरमोहनदास नेमिषराय2013 ई
16.पहल ख़तडॉ धर्मवीर1991 ई.
17.मिट्टी की सौगंधप्रेम कपाडिया1995 ई.
18.जसतस भई सबेरसत्यप्रकाश1995 ई.
19.सिर्फ काँटे नहींश्यामलाल राही1995 ई.
क्र. संदलित उपन्यासउपन्यासकारवर्ष 
20.मोरी की ईटमदन दीक्षित1996 ई. 
21.सफ़ेद चादरजियालाल आर्य1999 ई. 
22.हिडिम्बाएस. आर. हरनोट2000 ई. 
23.गाँव का कुआँके. नाथ2000 ई. 
24.पलायनके. नाथ2006 ई. 
25.हिस्से की रोटीडॉ शत्रुघ्न2001ई. 
26.संपूर्ण क्रांतिबलवंत सिंह2001 ई. 
27.उस शहर तकतेजिंदर के2003 ई. 
28.हैलो सुजीततेजिंदर के2007 ई. 
29.आक्रोसरघुवीर सिंह2004 ई. 
30.दलित दहनएस. के. पंजम2006 ई. 
31.ग़दर जारी रहेगाएस. के. पंजम2011 ई. 
32.मेहनत रंग लाईहरिसिंह पाल2012 ई. 
33.सुअरदानरूपनारायण सोनकर2010 ई. 
34.एक कस्बे के नोट्सनिलेश रघुवंशी2012 ई. 
35.एक सुबह यह भीविपिन बिहारी2012 ई. 
36.भँवरकैलाश चंद चौहान2013 ई. 
37.दलितविजय सौदाई2013 ई. 
38.तुम्हें बदलना ही होगासुशीला टाकभौरे2015 ई. 

दलित विमर्श से संबंधित प्रमुख नाटक:

क्र. संदलित नाटक नाटककार वर्ष
1.अछूतों का इंसाननंद जयसवा वियोगी1943 ई
2.वीर संत मायापेरियारललई 1960 ई.
3.गुरु दक्षिणाबिहारी लाल1969 ई.
4.अछूत का बेटामाता प्रसाद1973 ई.
5.हीरे की पहचानआर. बी. त्रिशरण1983 ई.
6.अछूत वीरांगनाराजवैद माताप्रसाद1987 ई.
7.अदालत नाममोहनदास नेमिषराय1989 ई.
8.सिंह विजयराहुल कात्यायन1991 ई.
9.अंगुलिमालबुद्धि सागर1996 ई.
10. देवताविक्रम प्रसाद1997 ई.
11.विषधररूप नारायण सोनकर1999 ई.
12.प्रतिशोधमाताप्रसाद2000 ई.
13.हैलो कामरेडमोहनदास नेमिषराय2001 ई.
14.छू नहीं सकतासूरज पाल चौहान2001 ई.
15.एक दलित डिप्टी कलेक्टररूपनारायण सोनकर2001 ई.
16.धर्म परिवर्तनमाताप्रसाद2001 ई.
17.आम्रपालीके. नाथ2002 ई.
18.कठौती में गंगाडॉ. एन. सिंह2003 ई.
19.नंगा सत्यरूपनारायण सोनकर2007 ई.
20.अंगूठा एकलव्य कारामनारायण सिंह राणा2008 ई.
21.बीमारतन कुमार सांभरिया2014 ई.
22.उजासरतन कुमार सांभरिया2014 ई.
23.उजासरतन कुमार सांभरिया2014 ई.

दलित विमर्श से संबंधित आलोचनात्मक रचनाएँ:

      कंवल भारती –

            > दलित विमर्श की भूमिका

            > दिल और धम्म विजय

      माताप्रसाद – अंतहीन बेड़िया

      डॉ धर्मवीर –

            > कबीर सूत न कपास

            > अशोक बनाम वाजपेयी

            > प्रेमचंद सामंत का मुंशी

            > कबीर बाज भी कपोत भी, पपीहा भी

      जयप्रकाश कर्दम – जाति एक विमर्श (1999 ई.)

      रजत रानी मीनू – नवें दशक की दलित हिंदी कविता

      तेज सिंह – आज का दलित साहित्य

      ओमप्रकाश वाल्मीकि – दलित साहित्य का सौंदर्यशास्त्र

      दिनेश राम – दलित मुक्ति का प्रश्न और दलित साहित्य

      कालीचरण स्नेही – दलित विमर्श और हिंदी दलित साहित्य

      विमल थोराट – दलित साहित्य का स्त्रीवादी स्वर

      शरण कुमार लिम्बाबे –

            > हिंदू दलित साहित्य,

            > वेदना और विद्रोह

            > दलित ब्राह्मन,

            > दलित साहित्य का सौंदर्य शास्त्र

      डॉ एन. सिंह –

            > दलित चिंतन अनुभव और विचार

            > दलित साहित्य के प्रतिमान

      श्योराज सिंह बैचेन –

            > सामाजिक न्याय और दलित साहित्य

            > समकालीन हिब्दी पत्रकारिता में दलित उवाच

            > अंबेडकर गाँधी और दलित पत्रिका

            > मीडिया उत्तर आधुनिक अस्पृश्यता के दौर

            > उपन्यास साहित्य में दलित समस्या एवं समाधान

            > स्त्री विमर्श और पहली दलित शिक्षिका

      रत्नकुमार सांभरिया – मुंशी प्रेमचंद और दलित समाज

दलित विमर्श से संबंधित प्रमुख कहानियाँ:

      प्रेमचंद जी के दलित विमर्श से संबंधित प्रमुख कहानियाँ- कफ़न, ठाकुर का कुआँ, सद्गति, दूध का दाम, घासवाली, शूद्रा, विध्वंश, मंत्र, लांछन, सौभाग्य के कीड़े, गुल्ली डंडा।

      ओमप्रकाश वाल्मीकि की कहानियाँ- अँधेरी बस्ती दलित विमर्श से संबंधित पहली कहानी। यह कहानी 1980 ई. में ‘निर्णायक भीम पत्रिका’ में प्रकाशित हुई थी।

      अन्य कहानियाँ- शवयात्रा, अम्मा, बैल की खाल, पच्चीस चौका डेढ़ सौ, ग्रहण, प्रमोशन, यह अंत नहीं, कुचक्र, भय, कहाँ जाए सतीश।

मोहनदास नेमिषराय की प्रमुख कहानियाँ- ‘सबसे बड़ा सुख’ यह मोहनदास नेमिषराय की पहली कहानी है। यह कहानी 1978 ई. में ‘कथालीक पत्रिका’ में प्रकाशित हुई थी।

      अन्य कहानियाँ- कर्ज, एक अखबार की मौत, रीत, अपना गाँव, सुहाग, मुक्ति का सघर्ष, गंजा पेड़, हारे हुए लोग, आवाजें, उसके जख्म, बरसात, अधिकार चेतना।

      सूरजपाल चौहान की प्रमुख कहानियाँ- परिवर्तन की बात, साजिश, घाटे की सौदा, हेरी कब आएगा, टिल्लू का पोता, अंगूरी की साजिश।

      दयानंद बटोही की कहानियाँ- सुरंग, सुबह के पहले, भूल, अँधेरे के बीचों बीच।

      रत्नकुमार सांभरिया की कहानियाँ- फुलवा, मिया जाँ की मुर्गी, चपडासन, डंक, चमरवा, बकरी के दो बच्चे, हिरणी।

      काशीनाथ सिंह की कहानियाँ- सुधीर घोषाल, जंगल जातकम, लालकिले के बाज.                                     कथा।

      स्वयं प्रकाश की कहानियाँ- जो हो रहा है, एक और हत्या, आसमां कैसे-कैसे।

      मिथिलेश्वर की कहानियाँ-

            एक और हत्या, बंद रास्तों के बीच, न चाहते हुए भी, रात अभी बाकी है,

            मोल ली गई मुसीबत, मेघना का निर्णय, पुल पर बिरासत में, अभी भी।

      मणिमधुकर की कहानियाँ- फाँसी, जख्म के चारों ओर, उजाड़, अधमरे।

      पुन्नी सिंह की कहानियाँ- होरी, सही इस्तेमाल।

      संजीव की कहानियाँ- टीस, भूखे रीछ, चाकरी, अपराध।

      उदयप्रकाश की कहानियाँ- पुतला, टेपचू

      जयप्रकाश कर्दम की कहानियाँ– सांग

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