हम सब जानते हैं कि ताश के 52 पत्ते होते हैं। इन बावन पत्तों के साथ खेलकर लोग अपना मोरंजन करते हैं। सम्भव है बहुत से लोग ताश के बावन पत्तों की इस रोचक जानकारी से सहमत होंगे जिसे यहाँ मैं सबके साथ साझा करना चाहती हूँ। ताश का आधार वैज्ञानिक और प्रकृति से भी जुड़ा हुआ है।
ये ताश के पत्ते आयताकार मोटे और कागज़ से बने हैं।
पत्ते चार प्रकार के हैं- ईंट, पान, चिड़ि और हुक्म।
प्रत्येक 13 पत्तों को मिलाकर 52 पत्ते होते हैं।
पत्ते में इक्का से दस तक, गुलाम, रानी एवं राजा होता है।
1. 52 पत्ते……52 सप्ताह के लिए है।
2. चार प्रकार के पत्ते……4 ऋतुओं के लिए है।
3. प्रत्येक रंग के 13 पत्ते…..प्रत्येक ऋतु में 13 सप्ताह होते हैं।
4. सभी पत्तों का जोड़……1 से 13 = 91×4=364; एक जोकर…364+1=365 दिन……1 वर्ष होता है; दूसरा जोकर गिने तो……365+1=366 दिन लीप वर्ष होता है।
7. बावन पत्तों में 12 चित्र वाले – 12 महीने होते हैं।
8. लाल और काला रंग….दिन और रात जैसे हैं।
पत्तों का अर्थ
- एक्का – मनुष्य का विवेक
- दुग्गी – पृथवी और आकाश
- तिग्गी – ब्रह्मा, विष्णु और महेश
- चौक्का – चार वेद (सामवेद, ऋग्वेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद)
- पंजा – पंच प्राण ( प्राण, अपान, व्यान, उदान और समान)
- छक्का – षड रिपू (काम, क्रोध, मद, मोह, मत्सर और लोभ)
- सत्ता – सात सागर ( आर्कटिक, उत्तरी अटलांटिक, दक्षिण अटलांटिक, उत्तरी प्रशांत, दक्षिणी प्रशांत, दक्षिणी महासागर और हिन्द महासागर)
- आठ – आठ सिद्धी (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति सिद्धि, प्राकाम्य, ईशिता और वशिता)
9. नहला – नौ ग्रह (बुध-Mercury, शुक्र-Venus, पृथवी-Earth, मंगल-Mars,
वृहस्पति-Jupiter , शनि-Saturn, यूरेनस-Uranus, नेप्च्यून-Naptune और
प्लूटो-Pluto)
10. दहला – दस इन्द्रियाँ (रूप, शब्द, गंध, स्पर्श, रस, हाथ, पैर, वाणी, मल विसर्जन
और प्रजनन)
11. गुलाम – मन की वासना
12. रानी – माया
13. राजा – सबका शासक