हिन्दी की गद्य विधाएँ ‘कहानी’ (इकाई- 2) भाग – 3

हिन्दी कहानी का विकास क्रम:

प्रेमचंदोत्तर युग की कहानी  (1936 – 1950 ई०)

इस युग में मनोवैज्ञानिक, यथार्थवादी, चरित्रप्रधान और व्यक्तिवादी कहानियाँ लिखी गई। प्रेमचंदोत्तर के प्रमुख कहानीकार।

(क). यशपाल (1903 – 1976 ई०)

(ख). इलाचंद्र जोशी (1903 – 1982 ई०)

(ग). जैनेन्द्र (1905 – 1988 ई०)

(घ). उपेन्द्रनाथ अश्क (1910 – 1996 ई०)

(ङ). अज्ञेय (1911 – 1986 ई०)

(च). विष्णु प्रभाकर (1912 – 2009 ई०)

(छ). अमृतलाल नागर (1916 – 1990 ई०)

(ज). जानकी वल्लभ शास्त्री (1916 – 2011 ई०)

(झ). प्रभाकर माचवे (1917 इस -1976 ई०)

(ञ). अमृतराय (1921 – 1996 ई०)

(ट). रांगेय राघव (1923 – 1962 ई०)

(क). यशपाल (1903 – 1976 ई०)

जन्म: 3 दिसंबर (1903 ई०) फ़िरोजपुर छावनी, पंजाब

निधन: 26 दिसंबर (1976 ई०)

माता: प्रेमदेवी और पिता: हीरालाल थे।

इनकी पहली कहानी ‘हिसा’ (1933 ई०) थी। इन्होने इस कहानी को जेल में लिखा था।

यशपाल के कहानी संग्रह: इनके कूल 17 कहानी संग्रह है।

पिंजरे की उड़ान (1939 ई०)

ज्ञान दान (1943 ई०)

अभिशिप्त (1943 ई०)

तर्क का तूफान (1944 ई०)

भस्मावृत चिंगारी (1946 ई०)

वो दुनिया (1948 ई०)

फूलो का कुर्ता (1949 ई०)

धर्मयुद्ध (1950 ई०)

उत्तराधिकारी (1951 ई०)

चित्र का शीर्षक (1951 ई०)

तुमने क्यों कहा था मै सुंदर हूं (1954 ई०)

उत्तमी की मां (1955 ई०)

औ भैरवी (1958 ई०)

सच बोलने की भूल (1962 ई०)

खच्चर और आदमी (1965 ई०)

भूख के दिन (1968 ई०)

लैम्प रोड़ (1979 ई०) निधन के बाद प्रकाशित

यशपाल की प्रसिद्ध कहानी संग्रह और उसके प्रमुख कहानियाँ:

पिंजरे की उड़ान (1939 ई०), इसमें कूल 20 कहानियाँ हैं। संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

मकरील, हिंसा, प्रेम का सार, दर्पण, परलोक, दुःख, चिता, पर्याश्चित, पीर का मजार

ज्ञान दान (1943 ई०), इसमें कूल 13 कहानियाँ हैं। संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

ज्ञानदान, एक राज, निरापद, बदनाम, अपनी चीज

अभिशप्त (1943 ई०), इसमें कूल 16 कहानियाँ हैं। संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

अभिशप्त, रोटी का मोल, नमक हलाल, हवाखोर, शंबूक

तर्क का तूफान (1944 ई०), इसमें कूल 16 कहानियाँ हैं। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

निर्वासिता, मेरी जीत, सोमा का साहस, औरत

भस्मावृत चिंगारी (1946 ई०), इसमें कुल 15 कहानियाँ हैं। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

गुलाम की वीरता, गवाही, भाग्यचक्र, महादान

वो दुनिया (1948 ई०), इस संग्रह में कुल 12 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

सन्यासी, दूसरी नाक, नई दुनिया, वो दुनिया

फूलों का कुर्ता (1949 ई०), इस संग्रह में कुल 8 कहानियाँ हैं। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

आतिथ्य, शिव पार्वती, खुदा की मदद, धर्म रक्षा

धर्मयुद्ध (1950 ई०) इस कहानी संग्रह में कुल 10 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

मनु की लगाम, जण गण मन अधिनायक

उत्तराधिकारी (1951 ई०), इस कहानी संग्रह में कुल 9 कहानियाँ हैं। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

जीत की हार, चंदन महाशय, अमर, कुल मर्यादा

चित्र का शीर्षक (1951 ई०) इस कहानी संग्रह में कुल 13 कहानियाँ हैं। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

आदमी या पैसा, मार का मोल, सादू और चोर

तुमने क्यों कहा था मैं सुंदर हूं (1954 ई०), इस संग्रह में कुल 13 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

तीस मिनट, अखबार में नाम, आबरू

उत्तमी की मां (1955 ई०) इस संग्रह में कुल 11 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

नमक हराम, पतिव्रता, करुणा, नकली माल, पाप की कीचड़

औ भैरवी (1958 ई०) इस संग्रह में कुल 12 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

वर्दी, नाकारा, सामंती कृपा

सच बोलने की भूल (1962 ई०), इस संग्रह में कुल 12 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

आत्म ज्ञान, अपमान की लज्जा, नारी की नर

खच्चर और आदमी (1965 ई०), इस संग्रह में कुल 9 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

वैष्णवी, जीव दया, अश्लील

भूख के दिन ( 1968 ई०), इस संग्रह में कुल 11 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

समय, दाग ही दाग, आशीर्वाद, पागल है

लैंप रोड़ (1979 ई०), इस संग्रह में कुल 6 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ।

लैंप रोड़, सच्ची पूजा, बिना रोमांस।

यशपाल की कहानियों के विशेष तथ्य:

साम्यवादी या मार्क्सवादी कहानियाँ लिखी गई है।

इनकी कहानियाँ यथार्थवादी, उपदेशात्मक और उद्देश्य परक हैं।

डॉ० नामवर सिंह के अनुसार- “इनकी कहानियाँ पूर्व नियोजित मानी जाती है।”

(ख). इलाचंद्र जोशी (1903 – 1982 ई०)

जन्म: 13 दिसंबर 1903 ई०) अल्मोड़ा (उ.प्र)

निधन: (1982 ई०)

इलाचंद्र जोशी जी की प्रथम कहानी ‘रात’ (1929 ई०) ये मनोवैज्ञानिक कहानीकार है।

महत्वपूर्ण कहानी संग्रह:

विपथगा (1937 ई०)

धूप रेखा (1938 ई०)

परम्परा (1940 ई०)

दिवाली और होली (1942 ई०)

आहुति (1942 ई०)

रोमांटिक छाया (1943 ई०)

कोठारी की बात (1945 ई०)

अमर बल्लारी (1945 ई०)

खंडहर की आत्माएं (1948 ई०)

शरणार्थी (1948 ई०)

जयदोल (1951 ई०)

डायरी के निरस पृष्ठ (1951ई०)

कँटीले फूल लजीले काँटे (1957ई०)

ये तेरे प्रतिरूप(1961 ई०)

इलाचंद्र जोशी की महत्वपूर्ण कहानियाँ: प्रेत आत्ना, मिस्त्री, चौथे विवाह की पत्नीने

(ग). जैनेन्द्र (1905 – 1988 ई०)

जन्म: 2 जनवरी (1905 ई०) कौड़िया गंज, अलीगढ़ (उ. प्र)

निधन: 24 दिसंबर (1988 ई०)

हिन्दी में इन्हें बालमनोंविज्ञान और मनोवैज्ञानिक कहानियों का जनक माना जाता है।

इनकी प्रथम कहानी ‘खेल’ है, जो 1928 ई० के ‘विशाल भारत’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।

जैनेन्द्र ने अपनी प्रथम कहानी ‘फोटोग्राफी’ को माना है।

जैनेन्द्र के महत्वपूर्ण कहानी संग्रह:

फाँसी (1929 ई०) ‘

वातायन (1931 ई०)

दो चिड़ियाँ (1934 ई०)

एक रात (1935 ई०)

नील देश की राज कन्या (1938 ई०)

ध्रुवयात्रा (1944 ई०)

पाजेब (1948 ई०)

जयसंधि (1948 ई०)

कहानी संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ:

फाँसी (1929 ई०) ‘

‘फाँसी’ इनका प्रथम कहानी संग्रह है। इसमें केवल 3 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ- फाँसी, स्पर्धा और गदर के बाद।

वातायन (1931 ई०) इस संग्रह में कुल 13 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

फोटोग्राफी, खेल, अपना-अपना भाग्य, साधू की हठ, तमाशा और भाभी।

दो चिड़ियाँ (1934 ई०) इस संग्रह में कुल 8 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ आम का पेड़, हत्या, एक दिन और वे तीन।

एक रात (1935 ई०) इस कहानी संग्रह में कुल 19 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

एक मास्टर जी, बाहुबली, जनता और राज पथिक।

नील देश की राजकन्या (1938 ई०) इस संग्रह में कुल 25 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

नीलम देश की राज कन्या, विस्मृत, परदेशी, ग्रामोफोन का रिकार्ड, अनबन और हवा महल।

ध्रुवयात्रा (1944 ई०) इस संग्रह में कुल 9 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

उर्वशी, किसका रुपया, परावर्तन और रत्नप्रभा।

पाजेब (1948 ई०) इस संग्रह में कुल 11 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

पाजेब, अकेला, तत्सत, प्रतिभा और सजा।

जयसंधि (1948 ई०) इस संग्रह में कुल 7 कहानियाँ है। इस संग्रह की महत्वपूर्ण कहानियाँ

जयसंधि, जाह्नवी, आत्म शिक्षण और अपना पराया।

जैनेन्द्र की चर्चित कहानियाँ: (वर्णात्मक शैली में)

‘खेल’ यह बाल मनोविज्ञान पर अधारित कहानी है ।

पात्र: सुरबाला, मनोहर आदि।

‘पाजेब’ यह आत्मकथात्मक शैली में रचित कहानी है। इस कहानी में बाल मनोविज्ञान का चित्रण है।

‘नीलम देश की राजकन्या’ इस कहानी में राजकन्या के प्रेम और पीड़ा का चित्रण है। यह काल्पनिक कहानी है।

‘फाँसी’ इस कहानी में क्रांतिकारी गतिविधियों का चित्रण है। इसमें जुलेखा के अल्हड़ प्रेम का चित्रण है।

‘ग्रामोफोन का रिकार्ड’ इस कहानी में पति प्रेम से वंचित एक 22 वर्षीय युवती की विजया की कहानी है, जो ग्रामोफोन पर ठुमरी सुनती है। “सैया तोरी गोद में गेंद बन जाऊँगी।” इस कहानी का मुख्य उद्देश्य नैतिकता का बोध करवाना है।

‘दो चिड़ियाँ’ इस कहानी में दो चिड़ियों के संवाद के माध्यम से माँ-बेटी के प्रेम का चित्रण है।

‘एक रात’ इस कहानी में फाँसी की प्रतीक्षा में लिन एक क्रांतिकारी के मनः स्थिति का चित्रण  है।

(घ). उपेन्द्रनाथ अश्क (1910 – 1996 ई०)

जन्म: 14 दिसंबर (1910 ई०), जालंधर

निधन: 19 जनवरी (1996 ई०) प्रयागराज

उपेन्द्रनाथ के महत्वपूर्ण कहानी संग्रह:

पिंजरा (1944 ई०)

अंकुर (1945 ई०)

छींटे (1949 ई०)

बैंगन का पौधा (1954 ई०)

सत्तर श्रेष्ठ कहानियाँ (1958 ई०)

पलंग (1961 ई०)

आकाशचारी (1966 ई०)

(ङ). सच्चितान्न्द हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ (1911 – 1986 ई०)

जन्म: 7 मार्च (1911 ई०) कासिया, देवरिया (उ.प्र.)

निधन: 4 अप्रैल (1986 ई०)

‘अज्ञेय’ के महत्वपूर्ण कहानी संग्रह:

अज्ञेय की पहली कहानी ‘जिज्ञासा’ (1929 ई०)

अज्ञेय की पहली कहानी संग्रह ‘विपथगा’ (1937 ई०)

अज्ञेय की कहानियों का वर्ण्य विषय:

  • अज्ञेय की कहानियों में व्यक्ति संघर्ष का चित्रण मिलता है।
  • इनकी कहानियों में प्रेम संवेदना और सैन्य जीवन का चित्रण है।
  • इनकी कहानियों में हिन्दु-मुस्लिम और देश विभाजन की त्रासदी का चित्रण है।
  • इनकी कहानियों में मानवीय संवेदना, बौद्धिकता का चित्रण है।
  • मनोविश्लेषण का समर्थन है।
  • जीवन के कटु यथार्थ, यौन संबंधों आदि का चित्रण दिखाई देता है।

सच्चितान्न्द हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ के महत्वपूर्ण कहानी संग्रह:

विपथगा (1937 ई०)

परंपरा (1940 ई०)

कोठारी की बात (1945 ई०)

अमर वल्लरी (1945 ई०)

शरणार्थी (1948 ई०)

जयदोल (1951 ई०)

ये तेरे प्रतिरूप(1961 ई०)

‘अज्ञेय’ के महत्वपूर्ण कहानियाँ :

जिज्ञासा (1929 ई०)

विपथगा (1931 ई०)

हारिति (1931 ई०)

अमरवल्लरी (1931 ई०)

गृहत्याग (1932 ई०)

गेग्रीन (रोज) (1934 ई०)

हरसिंगार (1934 ई०)

प्रतिध्वनियाँ (1935 ई०)

सिगनेचर (1937 ई०)

सेब और देव (1937 ई०)

होली बीन की बतखें (1947 ई०)

शरणार्थी (1946 ई०)

शरणदाता (1947 ई०)

जयदोल (1950 ई०)

खितिन बाबू (1952 ई०)

(च). विष्णु प्रभाकर (1912 – 2009 ई०)

जन्म: 21 जून (1912 ई०) मुज्जफर नगर, उत्तर प्रदेश  

निधन: 11 अप्रैल (2009 ई०)

विष्णुप्रभाकर महत्वपूर्ण कहानी संग्रह:

आदि और अंत (1945 ई०)

रहमान का बेटा (1945 ई०)

जिंदगी के थपेड़े (1952 ई०)

साँचे और कला (1962 ई०)

धरती अब भी घूम रही है (1970 ई०)

पूल टूटने से पहले (1977 ई०)

मेरा वचन (1980 ई०)

खिलौना (1981ई०)

एक और कुंती (1985 ई०)

जिंदगी एक रिहर्सल(1986 ई०) 

आसमान के नीचे (1989 ई०)

कर्फ्यू और आदमी (1994 ई०)

आखिर क्यों (1998 ई०)

मैं नारी हूँ (2001 ई०)

जीवन का एक और नाम (2002 ई०)

ईश्वर का चचेरा (2003 ई०)

(छ). अमृतलाल नागर (1916 – 1990 ई०)

जन्म: 17 अगस्त (1916 ई०) आगरा

निधन: 23 फ़रवरी (1990 ई०) लखनऊ  

अमृतलाल नागर के महत्वपूर्ण कहानी संग्रह:

एक दिल हजार अफ़साने (1986 ई०)

(ज). आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री (1916 – 2011 ई०)

जन्म: 5 फ़रवरी (1916 ई०) गया

निधन: 7 अप्रैल (2011 ई०)

महत्वपूर्ण कहानी संग्रह:

कानन, अपर्णा, लीला कमल, सत्यकाम, बांसों की झुरमुट

विशेष तथ्य:

जानकी वल्लभ शास्त्री का पहला गीत किसने बाँसुरी बाजाई बहु ही लोक प्रिय हुआ था

प्रो नलिन विमोचन शर्मा ने उन्हें प्रसाद, निराला, पंत और महादेवी के बाद पाँचवां छायावादी कवि कहा है।

इनकी पहली रचना ‘गोविन्द्गानम्’ था।

इन्होने ‘राका’ और ‘बेला’ जैसी पत्रिकाओं का संपादन किया।

‘राग केदार’ उनका ‘प्रिय राग’ था।

उनके संस्कृत कविताओं का संकलन काकली के नाम से 1930 के आसपास प्रकाशित हुआ।

निराला जी ने काकली के गीत पढ़कर पहली बार उन्हें ‘प्रिय बाल पिक’ संबोधित कर पत्र लिखा था।  

(झ). डॉ० प्रभाकर माचवे (1917 इस -1976 ई०)

जन्म: 26 दिसंबर (1917 ई०) ग्वालियर, मध्य,प्रदेश

निधन: (1991 ई०)

डॉ० प्रभाकर माचवे एक भाषाविद्  विपुल लेखक थे। उन्होंने तीनों भाषाओँ हिन्दी, मराठी और अंग्रेजी 100 से अधिक पुस्तके लिखी।

(ञ). अमृतराय (1921 – 1996 ई०)

जन्म: 15 अगस्त (1921 ई०) वाराणसी (उ.प्र.)

निधन: 14 अगस्त (1996 ई०)

अमृतराय के महत्वपूर्ण कहानी संग्रह:

जीवन का पहलू (1947 ई०)

तिरंगा कफ़न (1948 ई०)

इतिहास (1952 ई०)

(ट). रांगेय राघव (1923 – 1962 ई०)

 जन्म: 17 जनवरी (1923 ई०)

निधन: 12 सितंबर (1962 ई०)

रांगेय राघव के महत्वपूर्ण कहानी संग्रह:

साम्राज्य का वैभव (1947 ई०)

समुंद्र के फेन (1947 ई०)

देवदासी (1947 ई०)

जीवन के दान (1949 ई०)

अधूरी मूरत (1949 ई०)

अंगार न बूझे (1951 ई०)

इंसान पैदा हुआ (1951 ई०)

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