संस्मरण अंग्रेजी के शब्द ‘मेमायर्स’ का हिन्दी अनुवाद है, जिसका अर्थ है ‘स्मरण’ के आधार पर लिखा गया साहित्य रूप। संस्मरण शब्द की व्युत्पति सम्+स्मृ+ल्युट (अण्) से हुई है, जिसका अर्थ होता है- सम्यक तरीके से किया गया स्मरण। अतः इस विधा का मूल आधार ‘स्मरण’ या ‘स्मृति’ है।
संस्मरण साहित्य की एक विधा है। हिन्दी साहित्य कोष के अनुसार- “स्मृति के आधार पर किसी व्यक्ति या विषय के संबंध में लिखित आलेख को ‘संस्मरण’ कहते हैं।” स्मृति की इस महत्ता को स्वीकार करते हुए डॉ नागेंद्र ने संस्मरण को ‘वैयक्तिक अनुभव तथा स्मृति से रचा गया इतिवृत अथवा वर्णन कहा है।’ संस्मरण लेखन के क्षेत्र में अत्यंत प्रौढ़ तथा श्रेष्ठ रचनायें हिंदी साहित्य में उपलब्ध हैं।
हिंदी के प्रारंभिक संस्करण लेखकों में बनारसीदास चतुर्वेदी, महादेवी वर्मा तथा रामवृक्ष बेनीपुरी आदि हैं। संस्मरण साहित्य को विकसित करनेवालों में रामवृक्ष बेनीपुरी का नाम अग्रन्य है।
लेखक संस्मरणकार संस्मरण का शीर्षक
महावीर प्रसाद द्विवेदी : अनुमोदन का अन्त, अतीत स्मृति (1905)
काशी प्रसाद जायसवाल: इंग्लैंड के देहात में महाराज बनारस का कुआँ (1907)
महावीर प्रसाद द्विवेदी: सभा और सभ्यता (1907)
प्यारेलाल मिश्र: लन्दन का फाग या कुहरा (1908)
भोलादत्त पाण्डेय: मेरी नई दुनिया संबंधिनी रामकहानी (1909)
जन्नाथ खन्ना: अमेरिका में आने वाले विद्यार्थियों की सूचना (1911)
जगदीश बिहारी सेठ: मेरी छुट्टियों का प्रथम सप्ताह (1913)
पांडुरंग खानखोजे: वाशिंगटन महाविधालय का संस्थापन दिनोत्सव (1913)
रामकुमार खेमका: इधर-उधर की बातें (1918)
वृन्दालाल वर्मा: कुछ संस्मरण (सुधा 1921 में प्रकाशित)
इलाचंद्र जोशी: मेरे प्राथमिक जीवन की स्मृतियाँ (सुधा 1921 में प्रकाशित)
शिवराम पाण्डेय: मदनमोहन के सम्बन्ध की कुछ पुरानी स्मृतियाँ (1932)
मन्मथनाथ गुप्त: क्रांतियुग के संस्मरण (1937)
श्रीराम शर्मा: बोलती प्रतिमा (1937), श्रीराम शर्मा: सन् बयालीस के संस्मरण (1948),
वे जीते कैसे हैं (1957)
ज्योतिलाल भार्गव: साहित्यिकों के संस्मरण (हंस के प्रेमचंद स्मृति अंक 1937 सं, पराड़कर)
शिवनारायण टंडन: झलक (1938)
राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह: टुटा तारा (स्मरण: मौलवी साहब, देवी बाबा 1940)
इलाचंद्र जोशी: गोर्की के संस्मरण (1942)
रामनरेश त्रिपाठी: तीस दिन मालवीय जी के साथ (1942)
शांतिप्रसाद द्विवेदी: पंच चिन्ह (1946), स्मृतियाँ और कृतियाँ (1966)
शिवपूजन सहाय: वे दिन वे लोग (1946)
प्रकाशचंद्र गुप्ता: पुराने स्मृतियाँ और नए स्केच, मिट्टी के पुतले (1947)
महदेवी वर्मा: स्मृति की रेखाएँ (1947)
सत्यजीवन वर्मा ‘भारतीय’: एल्बम (1949)
उपेन्द्रनाथ अश्क: ज्यादा अपनी, कम पराई (1959),
मंटो मेरा दुश्मन या मेरा दोस्त मेरा दुश्मन (1956),
बनारसीदास चतुर्वेदी: संस्मरण (1952)
जैनेन्द्र: गाँधी कुछ स्मृतियाँ, ये और वे (1954)
रामवृक्ष बेनीपुरी: मुझे याद है (1955), मील के पत्थर (1956)
जंजीरें और दीवारें (1957), कुछ मैं कुछ वे (1959)
राहुल सांस्कृत्यायन: बचपन स्मृतियाँ (1955), जिनका मैं कृतज्ञ (1956),
मेरे असहयोग के साथी (1956)
कैलाशनाथ काटजू: मैं भूल नहीं सकता (1955)
इंद्र विद्दवाचस्पति: मैं इनका ऋणी हूँ (1959)
सेठ गोविन्द दास: स्मृतिकण (1959)
विनोद शंकर व्यास: प्रसाद और उनके समकालीन (1960)
अमृता प्रीतम: अतीत की परछाईंयाँ (1962)
डॉ संपूर्णानंद: कुछ स्मृतियाँ और स्फुट विचार (1962)
विष्णु प्रभाकर: जाने-अनजाने (1962), कुछ शब्द कुछ रेखाएँ (1965),
यादों की तीर्थयात्रा (1981), सृजन से सेतु (1990)
हरिवंशराय बच्चन: नए पुराने झरोखें (1962)
माखनलाल चतुर्वेदी: समय के पांव (1962)
क्षेमचंद्र ‘सुमन’: जैसा हमने देखा (1963)
जगदीशचंद्र माथुर: दस तस्वीरें (1963)
सुमित्रानंदन पंत: सात वर्ष: एक रेखांकन (1963)
रायकृष्ण दास: जवाहर भाई: उनकी आत्मीयता और सहृदयता (1965)
हरिभाऊ उपाध्याय: मेरे हृदय देव (1965)
रामधारी सिंह ‘दिनकर’:लोकदेव नेहरू (1965), संस्मरण और श्रद्धांजलियाँ (1969)
काका साहेब कालेकर: गाँधी संस्मरण और विचार (1968)
लक्ष्मी नारायण सुधांशु:व्यक्तित्व की झाँकियाँ (1970)
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी: अंतिम अध्याय (1972)
अमृतलाल नागर: जिनके साथ जिया (1973)
लक्ष्मीशंकर व्यास: स्मृति की त्रिवेणिका (1974)
अनीता राकेश: चंद संतरे और (1975)
कमलेश्वर: मेरा हृदय मेरा दोस्त (1975), सुधियाँ उस चंदन वन की (…)
परिपूर्णा नन्द: बीती यादें (1976)
सरदार भगत सिंह: मेरे क्रांतिकारी साथी (1977)
विष्णुकांत शास्त्री: स्मरण को पाथेय बनने दो (1978)
भगवतीचरण वर्मा: अतीत के गर्त में (1979)
मैथिलीशरण गुप्त: श्रद्धांजलि संस्मरण (1979)
सुलोचना रांगेय राघव: ‘पुनः’ (1979)
भारत भूषण अग्रवाल: लीक-अलीक (1980)
विष्णु प्रभाकर: यादों की तीर्थयात्रा (1981), सृजन से सेतु (1990)
राजेन्द्र यादव: औरों के बहाने (1981), वे देवता नहीं है,
मेरे अग्रज मेरे मीत (1983)
प्रतिभा अग्रवाल: सृजन का सुख-दुःख (1981)
रामकुमार वर्मा: संस्मरणों के सुमन (1982)
रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’: युगपुरुष (1983)
फणीश्वर नाथ ‘रेणु’: वन तुलसी की गंध (1984)
पद्द्मा सचदेव: दीवानखाना (1984), मितवाघर (1995)
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’: स्मृतिलेखा (1986)
भगवती शरण सिंह: रस गगन गुफा में (1986)
कमल किशोर ‘गोयनका’: हजारी प्रसाद द्वेवेदी: कुछ संस्मरण (1988)
बिन्दु अग्रवाल: भारत भूषण अग्रवाल: कुछ यादें कुछ चर्चाएं (1989),
यादें और बातें (1998 दो खंडों में)
काशीनाथ सिंह: याद हो कि न याद हो (1992), काशी का अस्सी (2003),
आछे डी पाछे भए (2004)
अमृतराय: जिनकी याद हमेशा रहेगी (1992)
बलराम: धीमी-धीमी आँच (…)
प्रकाशवती पल: लाहौर से लखनऊ तक (1994)
गिरिराज किशोर: सप्तपर्णी (1994)
रामदरस मिश्र: अपने-अपने रास्ते (2001), स्मृतियों के छन्द (…)
दूधनाथ सिंह: लौट आओ धार
रविन्द्र कालिया: सृजन के सह यात्री
विष्णुचन्द्र शर्मा: अभिन्न
कृष्णा सोबती: ‘हम हाशमद’ भाग-2
देवेन्द्र सत्यार्थी: यादों के काफिले
पुरुषोतमदास मोदी: अंतरंग संस्मरणों में जयशंकर प्रसाद
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी: एक नाव में यात्री, दस्तावेज
विद्यानिवास मिश्रा: चिड़ियाँ रैन बसेरा
मनोहर श्याम जोशी: लखनऊ मेरा लखनऊ,
रघुवीर सहाय: रचनाओं के बहाने एक संस्मरण (2003)
डॉ विवेकीराय: आँगन के वंदनवार (2003)
कांति कुमार जैन: तुम्हारा परसाई (2004), जो कहूँगा सच कहूँगा (2006),
मेरे हृदय मेरे श्रदेय (2005)
अजित कुमार: दूर वन में निकट मन में (2012)