किसी व्यक्ति के जीवन-चरित्र का चित्रण अथार्त किसी व्यक्ति विशेष के सम्पूर्ण जीवन के वृतांत को ‘जीवनी’ कहते हैं। जीवनी को अंग्रेजी में ‘बायोग्राफी’ कहा जाता है। जीवनी इतिहास, साहित्य और नायक की ‘त्रिवेणी’ होती है। जीवनी में लेखक किसी व्यक्ति विशेष के सम्पूर्ण जीवन और यथेष्ठ जीवन में घटित घटनाओं का कलात्मक और सौंदर्यता के साथ चित्रण करता है। जीवनी लेखकों में प्रमुख रूप से डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, जैनेन्द्र कुमार, रामवृक्ष बेनीपुरी, रामविलास शर्मा, विष्णु प्रभाकर, राहुल सांस्कृत्यायन तथा अमृतराय प्रमुख है। हिन्दी में प्रथम जीवनीकार गोपाल शर्मा शास्त्री माने जाते है। उनकी लिखी गई ‘दयानंद दिग्विजय’ (1881) को हिन्दी का पहला जीवनी माना जाता है।
हिन्दी में जीवनी लेखन 19वीं शताब्दी से प्रारम्भ हुआ सर्वप्रथम बाबू कार्तिक प्रसाद खत्री ने सन् 1893 ई० में ‘मीराबाई की जीवन चरित्र’ लिखा। इसके बाद भारतेंदु युग से जीवनी लिखने का क्रमबद्ध इतिहास मिलता है।
आत्मकथा और जीवनी में अंतर- आत्मकथा और जीवनी समान होते हुए भी दोनों में अंतर है। जीवनी दूसरे व्यक्ति के द्वारा लिखी जाती है और आत्मकथा स्वयं लिखा जाता है। जीवनी में प्रमाणिकता अपेक्षाकृत कम होती है। जीवनी में बहुत सी बातें अनुमानित रहती है, जबकि आत्मकथा में सभी तथ्य सत्याश्रित होते हैं। जीवनी वस्तुनिष्ठ होती है और आत्मकथा आत्मनिष्ठ होता है।
जीवनीकार जीवनी
गोपाल शर्मा शास्त्री : दयानंद दिग्विजय (1881)
नाभादास : भक्तमाल (1585)
गोसाई गोकुलनाथ : चौरासी वैष्णव की वार्ता, दो सौ वैष्णव की वार्ता (17वीं सदी में)
गोपाल शर्मा शास्त्री : दयानंद दिग्विजय (1881)
रमाशंकर व्यास : नेपोलियन बोनापार्ट का जीवन चरित्र (1883)
देवी प्रसाद मुंसिफ : महाराज मानसिंहका जीवन चरित्र (1883), राजा मालदेव (1889),
उदय सिंह महाराजा (1893), जशवंत सिंह (1896),
महाराणा प्रताप सिंह (1903), संग्राम सिंह राणा (1904)
कार्तिक प्रसाद खत्री : महाराज विक्रमादित्य (1883), अहिल्याबाई (1887),
छत्रपति शिवाजी का जीवन चरित्र (1890),
मीराबाई का जीवन चरित्र (1893)
रामकृष्ण दास : श्री नागरीदास जी का जीवन चरित्र (1894)
कविवर बिहारीलाल (1895), सूरदास (1900),
भारतेंदु हरिश्चंद्र का जीवन चरित्र (1909)
संपूर्णानंद : महाराज छत्रशाल (1916), चेतन सिंह और काशी का विद्रोह
(1919), महादजी सिंधिया (1920), सम्राट हर्षवर्द्धन (1920),
सम्राट अशोक (1924), धर्मवीर गाँधी (1914)
घनश्यामदास बिड़ला : बापू (1940), मेरे जीवन में गाँधी जी (1974)
मन्मथनाथ गुप्त : चंद्रशेखर आज़ाद (1938), गुरु नानक (1938)
डॉ राजेन्द्र प्रसाद : चंपारण में महात्मा गाँधी (1919), बापू के क़दमों में (1950)
महावीर प्रसाद द्विवेदी: प्राचीन पण्डित और कवि (1918), सुकवि संकीर्तन(1924),
चरितचर्चा(1929)
गौरीशंकर हीराचंद ओझा: कर्नल जेन्स टाड (1902)
शिवनंदन सहाय : हरिश्चंद्र (1905)
बालमुकुंद गुप्त : प्रताप नारायण मिश्र (1907)
बाबू श्यामसुन्दर दास : हिंदी कोविद रत्नमाला (1909) प्रथम भाग, (1914) दूसरा भाग
इसमें हिन्दी के चालीस साहित्यकारों की जीवनियाँ हैं।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल : बाबू राधाकृष्ण दास (1913)
बनारसी दास चतुर्वेदी : कविरत्न सत्यनारायण जी की जीवनी (1926)
गणेश शंकर विद्यार्थी : श्री गाँधी (1931)
सीताराम चतुर्वेदी : महामना पण्डित मदनमोहन मालवीय (1937)
शिवरानी देवी : प्रेमचंद घर में (1944)
छविनाथ पाण्डेय : नेताजी सुभाष (1946)
कका कालेकर : बापू की झाँकियाँ (1948)
सुशीला नायर : बापू के कारावास की कहानी (1949)
रामवृक्ष बेनीपुरी : जय प्रकाश नारायण (1951)
राहील सांस्कृत्यायन : स्तालिन, कार्ल मार्क्स, लेनिन (1954)
जेमिनी : माखन लाल चतुर्वेदी (1960)
लक्ष्मीशंकर व्यास : पराड़कर जी और पत्रकारिता (1960)
चन्द्रशेखर शुक्ल : रामचंद्र शुक्ल: जीवनी और कृतित्व (1962)
मदन गोपाल : कलम का मजदूर (1964 मूलतः अंग्रेजी में प्रेमचंद की जीवनी)
जैनेन्द्र कुमार : अकाल पुरुष गाँधी (1968)
डॉ० रामविलास शर्मा : निराला की साहित्य साधना (प्रथम खण्ड- 1969)
शांति जोशी : सुमित्रानंदन पंत : जीवन और साहित्य (1970) प्रथम खण्ड
(1977) दूसरा खण्ड
जगदीश चन्द्र माथुर : जिन्होंने जीना जाना (1954), इसमें 12 प्रसिद्ध व्यक्तियों,
7 साहित्यकारों, 2 राजनेताओं, 1 विचारक, 1 कलाकार और
1 अभिनेत्री का जीवन चरित्र प्रस्तुत किया गया हैं।
शिव प्रसाद सिंह : उत्तर योगी श्री अरविंद (1972)
विष्णु प्रभाकर : आवारा मसीहा (1974 बांग्ला साहित्यकार शरदचंद्र की जीवनी)
विष्णु चन्द्र शर्मा : अग्निसेतु (1954) बांगला के विद्रोही कवि नजरुल इस्लाम की
जीवनी, समय साम्यवादी (राहुल सांस्कृत्यायन के जीवन
पर आधारित)
शोभाकांत : बाबूजी (1991) नागार्जुन के जीवन पर आधारित
तेजबहादुर चौधरी : मेरे बड़े भाई शमशेरजी (1995)
कमला सांस्कृत्यायन : महामानव महापण्डित (1995 राहुल सांस्कृत्यायन पर आधारित)
प्रतिभा अग्रवाल : प्यारे हरिश्चंद्रजू (1997)
सुलोचना रांगेय राघव : रांगेय राघव: एक-अतरंग परिचय (1997)
मदनमोहन ठाकौर : ‘राजेन्द्र यादव-मार्फत मदनमोहन ठाकौर (1999)
बिंदु अग्रवाल : स्मृति के झरोखे में (1999 भारत भूषण अग्रवाल की
संस्मरणात्मक जीवनी)
महिमा मेहता : उत्सव पुरुष: नरेश मेहता (2004)
कुमुद नागर : वटवृक्ष की छाया (2004)
अमृतलाल नागर चार पीढ़ियों की कथा अंकित है
ज्ञानचंद जैन : भारतेंदु हरिश्चंद: एक व्यक्तित्व चित्र (2004)
कृष्ण बिहारी मिश्र : रामकृष्ण परमहंस: कल्पतरु की उत्सव लीला (2004)
गायत्री कमलेश्वर : मेरे हमसफर (2005) कमलेश्वर की जीवनी