हिन्दी साहित्य को पढ़ना और पढ़ाना जितना आसान समझा जाता है, असल में यह उतना आसन है नहीं। हिन्दी साहित्य में अनेक विधाएं हैं। उन सभी विधाओं में काव्य और काव्य की विधा में ‘छायावाद’ का तो कुछ कहना ही नहीं। छायावाद हिन्दी साहित्य की अत्यंत समृद्ध, सौन्दर्यशालिनी, सशक्त एवं कलात्मक काव्यधारा रही है। हिन्दी… Continue reading छायावाद में मुकुटधर पाण्डेय की भूमिका (आलेख)
Month: September 2020
गोत्र (Lineage)
विवाह के पश्चात् हर बेटी या लड़की को उसके पिता का गोत्र छोड़कर पति का गोत्र अपनाना होता है। यह एक परम्परा है। इस परम्परा के पीछे कुछ कारण अवश्य होंगे। उसे जानने और समझने का प्रयास करते हैं। पहले इसका वैज्ञानिक कारण जानने का प्रयास करते हैं। हम सभी जानते हैं कि स्त्री में… Continue reading गोत्र (Lineage)
‘श्रम का महत्व’ लिंकन (लघु कथा)
अब्राहम लिंकन अमेरिका के सोलहवें और अश्वेत राष्ट्रपति थे। जब वे अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे, उस समय उनके पिता मोची का काम करते थे। सीनेट सभा में कुछ घमंडी और अहंकारी व्यक्ति इस बात से बहुत दुखी और नाराज थे कि एक मोची का बेटा राष्ट्रपति कैसे बन गया? पहला दिन सीनेट में जैसे… Continue reading ‘श्रम का महत्व’ लिंकन (लघु कथा)