आई पूनम की रात सुहानी,
हुआ प्रफुल्लित सम्पूर्ण गगन।
चांद से होगा चांदनी का मिलन,
हर्षित हुई रात की रानी।
स्नेह रस बरखा वसुंधरा पर,
गोपियों का इंतजार हुआ खत्म,
रास रचाने आए वसुदेव पुत्र,
गोपियों का होगा कान्हा से मिलन।
मेरी रचनाएँ
आई पूनम की रात सुहानी,
हुआ प्रफुल्लित सम्पूर्ण गगन।
चांद से होगा चांदनी का मिलन,
हर्षित हुई रात की रानी।
स्नेह रस बरखा वसुंधरा पर,
गोपियों का इंतजार हुआ खत्म,
रास रचाने आए वसुदेव पुत्र,
गोपियों का होगा कान्हा से मिलन।
सुंदर रचना!
LikeLiked by 1 person